दिल पर जो आयी नहीं गुज़रती
हमसे ये सबाह नहीं गुज़रती
शाम ओ सहर गुज़र जाते है
पर ये ज़िंदगी नहीं गुज़रती
वक़्त निकल जाता हैं पल में
लेकिन ये उम्र नहीं गुज़रती
यादों की आंधीयां करती हैं तवाफ़
हमसे ये रातें नहीं गुज़रती
एक एक यार गुज़र गया सफ़र में
पर ये दुनिया नहीं गुज़रती
पद्मनाभ
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