हर तरफ रौशनी,ख़ुशबू के जखीरे फैले , हर तरफ चेहरों पे उम्मीद की मुस्कानें हैं ,
हर तरफ कहकहे,मस्ती औ मुहब्बत का सुरूर,जिस्म में ज़ुम्बिशें हैं,हाथों में पैमाने हैं,
मैं भी देखूँ जो पलट कर तो मुझे लगता है,लम्हे खुशवार थे मेरे भी कई बीते हुए ,
मैंने आदत भी बना ली है यूँ ही खुश रहना,साल-दर-साल तेरी याद के संग जीते हुए ...
हर तरफ कहकहे,मस्ती औ मुहब्बत का सुरूर,जिस्म में ज़ुम्बिशें हैं,हाथों में पैमाने हैं,
मैं भी देखूँ जो पलट कर तो मुझे लगता है,लम्हे खुशवार थे मेरे भी कई बीते हुए ,
मैंने आदत भी बना ली है यूँ ही खुश रहना,साल-दर-साल तेरी याद के संग जीते हुए ...
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