तेरी नेकी का कर जब ख्याल लिखते हैं
इस दिल में उठा इक सवाल लिखते हैं
क्यूँ इस कदर खफा है तुझसे ये ज़माना
क्यों मचा तेरी वफ़ा पे बवाल लिखते हैं........
जिसे चाहा, जो दिल के बहोत ही करीब था
इस दिल में उठा इक सवाल लिखते हैं
क्यूँ इस कदर खफा है तुझसे ये ज़माना
क्यों मचा तेरी वफ़ा पे बवाल लिखते हैं........
जिसे चाहा, जो दिल के बहोत ही करीब था
लगता था के जैसे वही तेरा नसीब था
अपने सपने तक जिसके नाम तूने कर दिए
क्या पता था कि वो एक दोस्त नहीं रकीब था
बेवफ़ा तुझको कह किसी और का वो हो गया
फिर आया इक जलजला और भूचाल लिखते हैं
क्यों मचा तेरी वफ़ा पे बवाल लिखते हैं........
अभी और लिखना जारी है..........
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