तेरी आँखों में जबसे नमी देखि
ना आसमां की झलक ना जमीं देखी
तेरे इश्क़ में न कोई कमी देखी।
रातों की नींद और दिन का चैन छिन गया
जब से तेरी आँखों में नमी देखी।।
-राजीव पाराशर
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ReplyDeleteVery gud poetry written by kumar vishwas. Very nice printing pages. When you will read this book, you will forget about everything else. Book was delivered to me on next day when i ordered it.
But these lines are not of Kumar Vishwas
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