किसी दवा का असर नहीं, शायद ज़हर ही ज़हर को तोड़ेगा,
मर्ज़ इश्क का लगता है, शायद मेरी जान लेकर ही छोड़ेगा
***
दिल की बातें, इश्क के किस्से, मुहब्बत की कहानी कही जाये,
जुबां कहते घबराये, तो क्यूँ न अशआरों की जुबानी कही जाये.....
***
ये जरुरी तो नहीं कि हर सितम पे उनके कुछ कहा जाये,
उनकी रुसवाई न हो ये सोचकर अच्छा है चुप रहा जाये...
***
बैठे बिठाये बेवजह की मोल हमने मुसीबत ले ली,
अपने ख्वाब से बदलकर जब उसकी हकीकत ले ली...
मर्ज़ इश्क का लगता है, शायद मेरी जान लेकर ही छोड़ेगा
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दिल की बातें, इश्क के किस्से, मुहब्बत की कहानी कही जाये,
जुबां कहते घबराये, तो क्यूँ न अशआरों की जुबानी कही जाये.....
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ये जरुरी तो नहीं कि हर सितम पे उनके कुछ कहा जाये,
उनकी रुसवाई न हो ये सोचकर अच्छा है चुप रहा जाये...
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बैठे बिठाये बेवजह की मोल हमने मुसीबत ले ली,
अपने ख्वाब से बदलकर जब उसकी हकीकत ले ली...
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