हिन्दुस्तान तेरे लिए.....
ये जिस्म ये रूह ये जान तेरे लिए, लहू का एक-2 कतरा कुर्बान तेरे लिए।
पूछे जो परवर्दिगार कहाँ भेजूं तुझे इस बार, जन्म लूँगा मैं हर बार हिंदुस्तान तेरे लिए।
Kavya kosh is now Kavita Sansar
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