तुम्हे जो बेसबब मुझसे, खफ़ा होने की आदत है।
ये आगाज़-ए -जुदाई है, या अंदाज़-ए -मोहब्बत है।1।
वफ़ा के रंग में देखो, जफा अच्छी नहीं होती।
किसी से दोस्ती में इतनी अना अच्छी नहीं होती।2।
चलो अब मान भी जाओ, बहुत अब हो चुकी रंजिश।
किसी दिन और कर लेना, ये अपनी पूरी तुम ख्वाहिश।3।
फ़क़त कहने की बातें हैं, निभाता कोन है इसको।
चलो अब देख लेते हैं मनाता कोन है किसको ।4।
किसी दिन और कर लेना, ये अपनी पूरी तुम ख्वाहिश।3।
फ़क़त कहने की बातें हैं, निभाता कोन है इसको।
चलो अब देख लेते हैं मनाता कोन है किसको ।4।
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