तेरी शिकायते भी कमाल है...तेरे मलाल भी कमाल है,
तेरी झिद का अब क्या करे...तेरी किस्मत ही कमाल है."
तेरी झिद का अब क्या करे...तेरी किस्मत ही कमाल है."
"इन्सां होता तो मान भी जाता..खुदा को मनाने निकले हो,
कितने अजीब शख्स हो...खुद को आझमाने निकले हो."
कितने अजीब शख्स हो...खुद को आझमाने निकले हो."
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" जो पहेले ही खाक हुए बैठे है....अब उन्हे क्या जलाओगे,
अश्को की बारिशो मे भीगे हुए को...तुम क्या खाक रुलाओगे."
अश्को की बारिशो मे भीगे हुए को...तुम क्या खाक रुलाओगे."
"उन ख्वाबो को खझाने सा संभाल के रख्खा है...
तेरी हर एक याद को आंखो मे सजाये रख्खा है."
तेरी हर एक याद को आंखो मे सजाये रख्खा है."
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